गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

भारत में बहुत जल्द लॉन्च होने जा रहा है Realme X7 Pro | ये होंगे फीचर्स


Realme X7 Pro बहुत जल्द भारत में लॉन्च होने जा रहा है. हालांकि कंपनी ने अभी तक आधिकारिक लॉन्च की तारीख का खुलासा नहीं किया है. लेकिन Realme India की वेबसाइट पर एक सपोर्ट पेज से फोन के लॉन्च किए जान की बात जरूर कंफर्म हो गई है.Realme X7 Pro स्मार्टफोन सबसे पहले Musmartprice द्वारा स्पॉट किया गया था. बता दें कि Realme ने X7 Pro और X7 दोनों फोन को इसी साल सितंबर महीने में चीन में लॉन्च किया था. चीन में इस स्मार्टफोन के 6GB रैम और 128GB बिल्ट-इन स्टोरेज वाले बेस मॉडल की प्राइस CNY 2,199 (24,800 रुपये के करीब) है.



ये हो सकते हैं फीचर्स


जहा तक फीचर्स की बात है तो Realme X7 Pro स्मार्चफोन 6.55 इंच के AMOLED डिस्पले से लैस होगा. जो फुल HD+रेजॉल्यूशन, 120HZ रिफ्रेश रेट और 20: 9 आस्पेक्ट रेश्यो के साथ आएगा. फोन में डायमेंसिटी 1000+ प्रोसेसर की सुविधा दी जाएगी. इसके साथ ही फोन में 8GB RAM और 256GB तक की इंटरनल स्टोरेज भी दी जाएगी. Realme का ये फोन एंड्रॉयड 10 ऑपरेटिंग सिस्टम पर बेस्ड Realme Ul पर ही काम करेगा. फोन में 32-मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा के लिए सामने की तरफ एक पंच-होल है. पीछे की तरफ, फोन में चार सेंसर - 64-मेगापिक्सेल, 8-मेगापिक्सेल, 2-मेगापिक्सेल और 2-मेगापिक्सेल सेंसर हैं.


मीडियाटेक के वायरलेस कम्युनिकेशंस बिज़नेस यूनिट के उप महाप्रबंधक डॉ येनची ली ने कहा, मीडियाटेक ग्लोबल 5 जी क्रांति में सबसे आगे है और हम भारतीय उपभोक्ताओं के लिए 5 जी सक्षम डिवाइस को लाने के लिए लोकप्रिय स्मार्टफोन ब्रांडों के साथ काम करना जारी रखे हुए हैं. हमारा प्रमुख ग्रेड मीडियाटेक डाइमेंसिटी 1000+ भारतीय टेलीकॉम अधिकारियों को देश में 5 जी को जल्द से जल्द स्थानांतरित करने के लिए प्रीमियम अनुभव प्रदान करेगा.


ये हो सकते हैं स्पेसिफिकेशंस


Realme X7 Pro 5G में 6.55 इंच की AMOLED डिस्प्ले दी जा सकती है. इसका रिफ्रेश रेट 120 हार्ट्ज है. ये फोन Dimensity 1000+ प्रोसेसर से लैस है. इसे 8 GB RAM और 128 GB स्टोरेज वेरिएंट के साथ लॉन्च किया गया है. रियलमी एक्स7 प्रो को पावर देने के लिए इसमें 4500 mAh की बैटरी दी गई है, जो 65 वॉट फास्ट चार्जिंग के साथ आती है.


इनसे होगा मुकाबला


भारत में रियलमी के इस फोन का क्रेज अभी से देखा जा रहा है. प्रीमियम मोबाइल हैंडसेट्स की Realme X7 सीरीज से भारत के बाजार में कंपनी अपने पैर मजबूत करेगी. रियलमी इस धांसू मोबाइल सीरीज की भारतीय बाजार में ओप्पो, वीवो, वनप्लस और सैमसंग समेत अन्य कंपनियों के एंट्री लेवल प्रीमियम फोन से होगा.


पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 96 जयंती | Atal Jayanti



पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 96 जयंती है। इस मौके पर देशभर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि दे रहा है। अपनी कविताओं और भाषणों के लिए हमेशा जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी बीजेपी के संस्थापकों में से एक थे। अटलजी 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी। 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी। 1999 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया। 2004 के बाद तबीयत खराब होने की वजह से उन्होंने राजनीति से अपनी दूरी बना ली थी।

मार्च 1998 में अटल बिहारी देश के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। केन्द्र की सत्ता पर काबिज होने के महज दो महीने के अंदर अटल बिहारी ने भारत को न्यूक्लियर पावर घोषित करते हुए पोखरान में 5 न्यूक्लियर टेस्ट को हरी झंड़ी दी। इस फैसले ने देश को एक ऐसे मोड़ पर खड़ा कर दिया जहां पूरी दुनिया भारत के खिलाफ हो गई। वैश्विक स्तर पर आर्थिक प्रतिबंधों के साथ-साथ एक झटके में भारत का अमेरिका, चीन, पाकिस्तान समेत कई अन्य मित्र देशों से रिश्तों के आगे फुल स्टॉप लग गया।

वहीं, देश की पहली बीजेपी सरकार को पूर्व की कांग्रेस सरकार (1991 से 1996) से विरासत में आर्थिक उदारीकरण का फैसला मिला था। इस फैसले के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का नया रास्ता तय किया जाना था। खास बात है कि कांग्रेस की इस सरकार और 1998 में बनी अटल बिहारी की सरकार के बीच तीन और प्रधानमंत्री बन चुके थे। इसमें खुद 16 दिन की अटल बिहारी की सरकार थी और लगभग तीन-तीन सौ दिन तक एचडी देवेगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल की सरकार केन्द्र पर काबिज थी। जाहिर है, आर्थिक उथल-पुथल के साथ-साथ देश में राजनीतिक अस्थिरता की भी माहौल था।

वहीं भारत की आर्थिक स्थिति का जायजा 1998-99 के आर्थिक सर्वेक्षण में विस्तार से बताए गए अंतरराष्ट्रीय आर्थिक माहौल से लगाया जा सकता है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक इस दौरान पूर्वी एशिया के देशों की जीडीपी में तेज गिरावट दर्ज हो रही थी. इंडोनेशिया की जीडीपी 15 फीसदी और दक्षिण कोरिया और थाइलैंड की जीडीपी में 5 से 7 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी. इसके अलावा दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में जापान मंदी के दौर से गुजर रहा था और 1991 में यूएसएसआर के विघटन के बाद से ही लगातार रूस की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक थी। दुनियाभर में ऐसी आर्थिक स्थिति के चलते 1998 में ग्लोबल जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी।

लिहाजा, साफ है कि मार्च 1998 में सरकार की बागडोर संभालने के बाद देश की अर्थव्यवस्था बेहद गंभीर मोड़ पर खड़ी थी। ऐसे में सरकार बनाने के कुछ दिनों बाद ही न्यूक्लियर टेस्ट के फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने सबसे बड़ा खतरा अमेरिका समेत ताकतवर देशों से आर्थिक प्रतिबंध का था।तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भारत के फैसले को अनुचित करार देते हुए भारत से सभी आर्थिक संबंधों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध का ऐलान कर दिया. रक्षा उपकरण समेत टेक्नोलॉजी के सभी समझौतों को निरस्त कर दिया गया। साथ ही अमेरिका ने भारत को दी गई सॉवरेन क्रेडिट को रोक दिया और सभी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संस्थाओं पर भारत को कर्ज जारी रखने का दबाव बनाना शुरू कर दिया. अमेरिका की तर्ज पर जापान ने भी भारत के साथ सभी रिश्तों को खत्म करते हुए सख्त आर्थिक प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया।



वैश्विक कारोबार में छाई सुस्ती और भारत की घरेलू स्थिति के चलते 1998 में आर्थिक चुनौतियां बढ़ती जा रही थीं। न्यूक्लियर टेस्ट से कुछ दिनों पहले जारी हुए सीएसओ आंकड़ों के मुताबिक 1996-97 में 7.8 फीसदी की विकास दर के बाद 1997-98 में विकास दर लुढ़क कर 5 फीसदी के पास पहुंच गई (हालांकि यह पहला आंकड़ा था जिसे 1993-94 के आधार पर जारी किया गया था)। वहीं इस दौरान महंगाई का आंकड़ा बेहद गंभीर था। मई में टेस्ट से लेकर सितंबर 1998 तक महंगाई 8.8 फीसदी के उच्चतम स्तर पर जा चुकी थी।

गौरतलब है कि पिछले साल 16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था। अटलजी के निधन के बाद बीजेपी ने उनकी अस्थियों को देश की 100 नदियों में प्रवाहित किया था और इसकी शुरुआत हरिद्वार में गंगा में विसर्जन के साथ हुई थी। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।

आपको बता दें कि सिर्फ प्रधानमंत्री रहने के दौरान नहीं कई बार विपक्ष में रहते हुए भी अटल बिहारी वाजपेयी ने ऐसा काम किया, जिसकी वजह से विपक्ष के लीडर के तौर पर भी उनको काफी सम्‍मान मिला।

शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

अमेजन पर अपने प्लेटफॉर्म पर बेच रहे उत्पादों का निर्माण देश यानी कंट्री ऑफ ऑरिजिन का ब्यौरा नहीं देने पर 25 हजार रुपये का जुमार्ना लगाया



कैट ने अमेजन पर नियमों के उल्लंघन के लिए 7 दिन का प्रतिबंध लगाने की मांग की

ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर लगाए गए जुमार्ने को नाकाफी बताया है। मंत्रालय ने अमेजन पर अपने प्लेटफॉर्म पर बेच रहे उत्पादों का निर्माण देश यानी कंट्री ऑफ ऑरिजिन का ब्यौरा नहीं देने पर 25 हजार रुपये का जुमार्ना लगाया था। कैट ने कहा है कि जुमार्ने को वसूलने का मूल यह है कि अपराधियों को उनकी गलती का अहसास कराया जाए, ताकि वे इस अपराध को और अधिक न कर सकें।

कैट ने कहा कि इन कंपनियों के खिलाफ सरकार ऐसी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, जो एक नजीर बने, इसलिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सात दिनों तक प्रतिबंद लगा दिया जाना चाहिए।




कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने यहां जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि इतना मामूली जुमार्ना लगाया जाना न्यायिक और प्रशासन का मजाक उड़ाना भर है। कैट ने मांग की है कि जुमार्ना या सजा का प्रावधान अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के हिसाब से लगाया जाना चाहिए।

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आह्वान किए गए वोकल फोर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि उत्पादों का कंट्री ऑफ ऑरिजिन का ब्यौरा दिया जाए, लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियां लगातार नियमों और कानूनों का खुला उल्लंघन करने पर आमदा है।

कैट ने मांग की है कि इन कंपनियों द्वारा पहली गलती किए जाने पर सात दिनों और दूसरी बार गलती किए जाने पर 15 दिनों का प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। कैट ने यह भी कहा कि ऐसे नियमों के उल्लंघन करने पर कंपनियों के खिलाफ केंद्र सरकार तय प्रावधानों के तहत जुमार्ना लगाए।

कैट ने कहा है कि अमेजन जैसी बड़ी वैश्विक ई कॉमर्स कंपनी के लिए 25 हजार रुपये का जुमार्ना काफी मामूली रकम है। अगर जुमार्ने की राशि या सजा का प्रावधान सख्त होगा तो ये कंपनियां नियमों का उल्लंघन करने से पहले कई बार सोचेगी।

भरतिया और खंडेलवाल ने 25,000 रुपये की राशि का जुमार्ना कानून के साथ समझौता करने जैसा करार दिया और कहा कि कानून हर किसी के लिए समान होना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि फ्लिपकार्ट और मिंत्रा जैसे ई कॉमर्स कंपनियों के लिए भी इस नियम को समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।

ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की राजधानी तेहरान के पास हत्या कर दी गई



ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की राजधानी तेहरान के पास हत्या कर दी गई है। देश के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है।

बीबीसी के मुताबिक, दमावंद काउंटी के अबसार्ड में एक हमले के बाद फखरीजादेह की अस्पताल में मौत हो गई।

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ मोहम्मद जवाद जरीफ ने फखरीजादेह की हत्या की निंदा करते हुए इसे 'स्टेट प्रायोजित आतंक की घटना' बताया।




पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि गुप्त ईरानी परमाणु हथियार कार्यक्रम के पीछे फखरीजादेह एक था।

एक पश्चिमी राजनयिक ने 2014 में मीडिया को बताया था, 'अगर ईरान ने कभी हथियार (संवर्धन) को चुना, तो फखरीजादेह को ईरानी परमाणु बम के पिता के रूप में जाना जाएगा।'

ईरान जोर देकर अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बताता आया है।

लेकिन देश के उत्पादन में समृद्ध यूरेनियम की बढ़ती मात्रा के बारे में ताजा चिंता के बीच हत्या की खबर आई है। सिविल परमाणु ऊर्जा उत्पादन और सैन्य परमाणु हथियार दोनों के लिए समृद्ध यूरेनियम एक महत्वपूर्ण घटक है।

छह विश्व शक्तियों के साथ 2015 के एक समझौते ने इसके उत्पादन पर सीमाएं लगा दी थीं, लेकिन जब से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में इस सौदे को छोड़ दिया, ईरान जानबूझकर यूरेनियम संवर्धन पर जोर देता रहा है।

जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभालने के बाद, जो बाइडन ने ईरान के साथ फिर से जुड़ने का वादा किया है।

2010 और 2012 के बीच, चार ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी गई और ईरान ने हत्याओं में इजरायल पर मिलीभगत का आरोप लगाया।

मई 2018 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रस्तुति में फखरीजादेह का नाम विशेष रूप से उल्लेख किया गया था।

हत्या की खबर पर इजरायल की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। मीडिया के अनुसार पेंटागन ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

शुक्रवार को एक बयान में, ईरान के रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'हथियारबंद आतंकवादियों ने रक्षा मंत्रालय के शोध और नवाचार संगठन के प्रमुख मोहसिन फखरीजादेह को ले जा रही कार को निशाना बनाया।'

मंत्रालय के मुताबिक आतंकवादियों और फखरीजादेह के अंगरक्षकों के बीच हुई झड़प में वो बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें मेडिकल टीम द्वारा नहीं बचाया जा सका।

ईरान की समाचार एजेंसी फारस के मुताबिक, चश्मदीदों ने पहले धमाके और फिर मशीनगन से फायरिंग की आवाज सुनी थी।

एजेंसी के अनुसार चश्मदीदों ने तीन-चार चरमपंथियों के भी मारे जाने की बात कही है।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

भारत में बहुत जल्द लॉन्च होने जा रहा है Realme X7 Pro | ये होंगे फीचर्स

Realme X7 Pro बहुत जल्द भारत में लॉन्च होने जा रहा है. हालांकि कंपनी ने अभी तक आधिकारिक लॉन्च की तारीख का खुलासा नहीं किया है. लेकिन Realme...